एक समय की बात है एक बार राजा का दरबार लगा हुआ था। लेकिन धूप में लगा हुआ था क्योंकि सर्दियों के दिन थे तो अक्सर राजा की चौपाल वही लगा करती थी। राजा लोगो की अपील सुन रहा था और सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था। लेकिन भीड़ में से एक आदमी खड़ा होता है और वह बोलता है कि उसको राजा से मिलना है उसके पास दो हीरे है और उनमें से एक असली है और दूसरा नकली तो मैं राजा से पूछना चाहता हूँ। अब उसकी इस बात को राजा के पास पहुंचाया गया और राजा ने उनको चौपाल में आने की आज्ञा दे दी।

राजा ने उसको अनुमति दी कि बताओ तुम क्या चाहते हो। उसने कहा मेरे पास दो हीरे हैं एक असली और एक नकली हैं। लेकिन आज तक कोई इनकी परख नही कर पाया। अगर आप मुझे बता देते है कि कोनसा हीरा असली है और कोनसा नकली तो इस हीरे को मैं आपके खजाने को दान कर दूंगा। लेकिन अगर आप नही बता पाए तो आपको इस हीरे की कीमत मुझे चुकानी होगी।

 
राजा ने ये स्वीकार किया और ये प्रक्रिया शुरू हुई। सब अपना अपना दिमाग लगा रहे थे। लेकिन हिम्मत कोई भी नही कर रहा था। क्योंकि सब को के डर था। कहीं राजा ये शर्त हार गया तो क्या पता हार का ठीकरा हमारे
 माथे पर मंढ दिया जाए। तो कोई आगे नही आया। आखिरकार राजा ने ही बता दिया कि मैं इसको बता पाने में असमर्थ हूँ। 

लेकिन तुरंत एक घटना घटी। भीड़ में से एक अंधे बुजुर्ग खड़े हुए और बोले कि अगर मुझे मौका दिया जाए तो मैं बता सकता हूँ की असली हीरा कोनसा है और नकली हीरा कोनसा है। राजा को प्रसन्नता हुई कि चलो कोई तो है। 
अब उन बुजुर्ग ने एक मिनट में बता दिया कि ये हीरा असली है और ये हीरा नकली है। 

लेकिन उन्होंने ये बताया कैसे???

राजा ने उनको धन्यवाद दिया कि आपने आज राज्य की इज्जत बचा ली और एक हीरा अब राज्य के खजाने में आ रहा है। अन्यथा हमे इस हीरे जितनी कीमत चुकानी पड़ती। हीरे को महल में ले जाने को तैयारी हुई। लेकिन उससे पहले राजा ने उन बुजुर्ग से निवेदन किया और पूछा कि आप ये तो बताइये की आपने इस हीरे को पहचाना कैसे?जबकि आप तो देख पाने में भी सक्षम नही है।  

अब बुजुर्ग की बात ध्यान से सुनना। उन्होंने कहा की ये पता लगा पाना आसान था। क्योंकि जो असली हीरा था वो ठंडा था और नकली हीरा गर्म था। धूप की वजह से जो हीरा गर्म हो गया। मतलब वो काँच से बना हुआ था
और जो असली हीरा था वो धूप मे भी शांत रहा यानी ठंडा रहा।यही तो खासियत है हीरे की।  

दोस्तो हम भी तो कभी कभी इतने गर्म हो जाते है कि हमारे रिश्ते खराब हो जाते है। लेकिन हमें हीरे जैसा स्वभाव रखना चाहिए। परिस्थितिया चाहे कैसी भी हो अगर हम ठंडे रहेंगे तो इससे हमारा ही फायदा है।  

कुल मिला के बात यही है, हीरा बनिये काँच नही। 

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